शुक्रवार 17 नवंबर 2023 - 10:25
सूर ए आले इमारान: नुज़ूल के समय मे ही क़ुरआन कातेबाने वही द्वारा लिख लिया जाता था

हौज़ा | कुरआन एक किताब है जो तथ्यों और वास्तविकता के अनुसार है। आसमानी किताबे एक-दूसरे के समान और संगत हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم   बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
نَزَّلَ عَلَيْكَ الْكِتَابَ بِالْحَقِّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَيْنَ يَدَيْهِ وَأَنزَلَ التَّوْرَاةَ وَالْإِنجِيلَ  नज़्ज़ला अलैका अल किताबा बिल हक़्क़े मोसद्देक़ल लेमा बैयना यदैयहे वा अज़ंलत्तौराता वल इंजीला  (आले-इमरान, 3)

अनुवाद: वही है जिसने तुम पर सच्चाई के साथ वह किताब उतारी है जो अपने से पहले वाली आसमानी किताब की पुष्टि करती है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣ पवित्र कुरान धीरे-धीरे पवित्र पैगंबर (स) पर नाज़िल हुआ।
2️⃣ पवित्र कुरान सदैव सच्चा और झूठ से मुक्त है।
3️⃣ "अल-किताब" पवित्र कुरान के नामों में से एक है।
4️⃣ नुज़ूल के समय मे ही क़ुरआन कातेबाने वही द्वारा लिख लिया जाता था।
5️⃣ कुरआन एक किताब है जो तथ्यों और वास्तविकताओं के अनुसार है।
6️⃣ आसमानी किताबे एक जैसी हैं और एक दूसरे के अनुकूल हैं।


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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान

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